Tuesday, 27 September 2022

NAVARAATRI SANDESH नवरात्रि संदेश:

नवरात्रि संदेश:
हम अपने पिछले अनुभवों के आधार पर भविष्य के सुख-दुख की कल्पना करते हैं। भविष्य में दुख की संभावना को खत्म करने के लिए हम आज योजना बनाते हैं। लेकिन अगर हम आज कल की बाधा के लिए योजना बनाते हैं; इससे हमें फायदा होगा या नुकसान? हम अक्सर इस सवाल को नज़रअंदाज कर देते हैं।
सच तो यह है कि एक समस्या और उसका समाधान दोनों एक साथ पैदा होते हैं- मनुष्य और प्रकृति दोनों के लिए भी। है न? अपने अतीत के बारे में सोचें, इतिहास को देखें, आपको पता चलेगा कि जब भी कोई समस्या आती है तो उसका समाधान भी उसके साथ ही होता है। यही ब्रह्मांड का नियम है।
इसलिए एक समस्या वास्तव में समाधान के जन्म का कारण है। जब भी कोई व्यक्ति किसी समस्या को हल करने और उससे बाहर निकलने में सक्षम होता है, तो वह एक कदम आगे बढ़ता है। वह समझदार है और वह न केवल अपने लिए बल्कि दुनिया के लिए भी आत्मविश्वास से भरपूर है। है न? वास्तव में, समस्या स्वयं को बदलने, विचारों को व्यापक बनाने, आत्मा को मजबूत और अधिक प्रबुद्ध बनाने का अवसर है। जो ऐसा करने में सक्षम है, उसे कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन जो ऐसा करने में विफल रहता है; दुनिया के लिए खुद एक समस्या है। उस पर चिंतन करें।

NAVARAATRI SANDESH 
On the basis of our past experiences we assume the joys and sorrows of the future. To eliminate the chances of sorrow in the future, we make plans today. But if we plan for tomorrow’s hurdle today; will it benefit us or harm us? We often overlook this question. 
The truth is that a problem and its solution are both born together- for both man and nature too. Isn’t it? Think of your past, look at history, you will realise that whenever a problem arises so does it solution arise simultaneously with it only. That’s the law of the universe. 
Therefore a problem actually is the reason for the birth of the solution. Whenever a person is able to resolve a problem and emerge out of it, then he progresses a step further. He is wiser and he is high of confidence, not just for himself but for the world as well. Isn’t it? In reality, a problem is an opportunity given to change oneself, to broaden ones views, to make the soul stronger and more enlightened. The one, who is able to do so, never faces any problems. But the one who fails to do this; is himself a problem to the world. Reflect upon it.

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