Sunday, 29 May 2022

गायत्रीमंत्र

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💥 क्या गायत्रीमंत्र साधना से स्त्रियों को वंचित रखना चाहिए ? 

👉 कदापि नहीं.... 

🔷 गायत्रीमंत्र ईश्वर की सर्वोत्तम प्रार्थना है और ईश्वर की प्रार्थना से वंचित रखना कदापि उचित नहीं है। माँ गायत्री की गोद समभाव से स्त्री और पुरुष, दोनों के लिए उपलब्ध है। माँ गायत्री परम कल्याणकारी हैँ और हृदय वातसल्य से परिपूर्ण है। अपनी गोद में चढने वाली संतान को कभी निराश नहीं करती हैँ। 

🔶 गायत्रीमंत्र की उपासना द्वारा स्त्रियां अपने पतियों को सुधार सकती हैं। गायत्री उपासना द्वारा पतियों के बुरे आचरण और स्वभाव, कुसंग, व्याभिचार, इत्यादि को सुधारा जा सकता है। अभिमंत्रित इलायची और जल के 'विधिवत' प्रयोग से पुरुषों के झगड़ालू, निष्ठुर व रूखे स्वभाव को मधुरभाषी, सद्भावी, स्नेहमयी, इत्यादि में परिवर्तित किया जा सकता है। गायत्री मंत्र की उपासना से घर को स्वर्ग तुल्य बनाकर आनन्दमयी जीवन व्यतीत किया जा सकता है। 

🔷 गायत्रीमंत्र की उपासना करने वाली गर्भस्थ स्त्रियों की संतान बुद्धिमान, तेजोमयी,विवेकवान, इत्यादि गुणों से सुसज्जित होती है। संतान को दुग्धपान करवाते समय यदि गायत्रीमंत्र की उपासना की जाए तो दूध अमृतमयी बन जाता है और संतान के शरीर और मन को शुद्ध बनाने का कार्य करता है। संतान को निरोगी, हंसमुख, तेजस्वी, दीर्घायु ,इत्यादि बनाने में गायत्रीमंत्र की साधना रामबाण का कार्य करती है। अभिमंत्रित जल व इलायची के विधिवत उपयोग से गर्भस्थ स्त्रियां समाज/देश/जगत को संस्कारी संतान प्रदान कर पुनः सतयुग की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैँ। 

🔶 प्रारब्ध के कठोर विधानों के प्रकोप को गायत्रीमंत्र की उपासना द्वारा कम किया जा सकता है। अभिमंत्रित जल के विधिवत प्रयोग से घर में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को निष्क्रिय किया जा सकता है। गायत्री माँ कामधेनु के समान मन इच्छित फल देने वाली हैँ। गायत्री माता का आश्रय लेना सब प्रकार से उत्तम है। गायत्रीमंत्र की उपासना से यदि उक्त आध्यात्मिक लाभ प्राप्य होते हैं तो महागायत्री उपासना से....🙏 

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        ज़रूरत नहीं मुझको किसी तख्त ए ताऊस की
      पसंद आ गई है मुझको शागिर्दी गुरु महाराज की 

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