Sunday, 7 August 2022

ईश्वर सब सुनते हैं !

ईश्वर सब सुनते हैं !! 
मीरा जी भगवान कृष्ण के लिए गाती थीं तो भगवान बड़े प्यार से सुनते थे। 

सूरदास जी जब पद गाते थे तब भी भगवान सुनते थे। 

और कहाँ तक कहूँ कबीर जी ने तो यहाँ तक कह दिया- चींटी के पग नूपुर बाजे वह भी साहब सुनता है। 

एक चींटी कितनी छोटी होती है अगर उसके पैरों में भी घुंघरू बाँध दे तो उसकी आवाज को भी भगवान सुनते हैं। 

यदि आपको लगता है कि आपकी पुकार भगवान नहीं सुन रहे तो ये आपका वहम है या फिर आपने भगवान के स्वभाव को नहीं जाना। 

कभी प्रेम से उनको पुकारो तो सही, कभी उनकी याद में आंसू गिराओ तो सही। 

संत तो यहाँ तक कहते हैं कि केवल भगवान ही है जो आपकी बात को सुनता है। 

एक छोटी सी कथा संत बताते हैं-

एक भगवान जी के भक्त हुए थे, उन्होंने 20 साल तक लगातार भगवत गीता जी का पाठ किया। 

अंत में भगवान ने उसकी परीक्षा देते हुए कहा- अरे भक्त! सोचता है कि मैं तेरे गीता के पाठ से खुश हूँ, तो ये तेरा वहम है। मैं तेरे पाठ से बिल्कुल भी प्रसन्न नहीं हुआ। 

जैसे ही भक्त ने सुना तो वो नाचने लगा, और झूमने लगा। 

भगवान ने बोला- अरे! मैंने कहा कि मैं तेरे पाठ करने से खुश नहीं हूँ और तू नाच रहा है। 

वो भक्त बोला- भगवान जी आप खुश हो या नहीं हो ये बात मैं नहीं जानता। 

लेकिन मैं तो इसलिए खुश हूँ कि आपने मेरा पाठ कम से कम सुना तो सही, इसीलिए मैं नाच रहा हूँ। 

ये होता है भाव.... 

थोड़ा सोचिए द्रौपदी जी ने भगवान कृष्ण को पुकारा तो क्या भगवान ने नहीं सुना? भगवान ने सुना भी और लाज भी बचाई। 

जब गजेन्द्र हाथी ने ग्राह से बचने के लिए भगवान को पुकारा तो क्या भगवान ने नहीं सुना? 

बिल्कुल सुना और भगवान अपना भोजन छोड़कर आये। 

कबीरदास जी, तुलसीदास जी, सूरदास जी, मीराबाई जी जाने कितने संत हुए जो भगवान से बात करते थे और भगवान भी उनकी सुनते थे। 

इसलिए जब भी भगवान को याद करो उनका नाम जप करो तो ये मत सोचना कि भगवान आपकी पुकार सुनते होंगे या नहीं? 

कोई संदेह मत करना, बस हृदय से उनको पुकारना, तुम्हें खुद लगेगा कि हाँ, भगवान आपकी पुकार सुन रहे हैं ..!! 

ॐ नमो नारायण 🌷🙏🥀🥀

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